शनिवार की रात्रि में माता काली उपासना का अनन्त पुण्य है
दिनांक 14 मई 2022
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – त्रयोदशी अपरान्ह 03:22 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – चित्रा शाम 05:28 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – सिद्धि दोपहर 12:59 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल – सुबह 09:18 से 10:57 तक
सूर्योदय – 05:59
सूर्यास्त – 07:13
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त– प्रातः 04:33 से 05:16 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.14 से 12:57 तक
व्रत पर्व विवरण– श्री नृसिंह जयंती, व्यतिपात योग
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
व्यतिपात योग
14 दोपहर 01:00 बजे से 15 मई सुबह 09:49 तक
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
वैशाख मास के अंतिम ३ दिन ( 14 मई से 16 मई 2022 ) महा पुण्यदायी
शनिवार
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)