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एनजीओ की आड़ में करते थे बच्चों का सौदा, गरीब परिवार को बनाते थे निशाना

उड़ान वेलफेयर ट्रस्ट की संचालिका डॉ. हिना माथुर मदद करने के बहाने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से संपर्क करती थी। डॉ. हिना ने एमबीए की पढ़ाई की है। 26 अगस्त 2016 को उड़ान वेलफेयर ट्रस्ट नाम से एनजीओ की शुरुआत की। एनजीओ में पति नितिन माथुर ज्वाइंट सेक्रेटरी है। और प्रधान के तौर पर ममता सक्सेना कार्य करती है।

इसके अलावा सलाहकार के तौर पर पवन शर्मा, हिमांशु व राजीव है। एनजीओ में 11 सदस्य काम करते हैं। संस्थान आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और बच्चों के लिए कार्य करता हैं। एनजीओ के सदस्य परिवारों से मिलते जुलते थे और इस दौरान वह उन परिवारों से भी मिलती थी, जिनके यहां कोई नवजात पैदा होने वाला होता था।

उस परिवार को नवजात की अच्छी परवरिश का झांसा देकर लाखों रुपये में बेच देते थे। उड़ान वेलफेयर ट्रस्ट की एक ब्रांच जवाहर कॉलोनी में है। वहीं दूसरी ब्रांच कोसी कलां मथुरा यूपी में भी है। पुलिस दोनों ब्रांच से जुड़े सभी सदस्यों से पूछताछ करेगी। हिना माथुर कई और एनजीओ से जुड़ी हुई थी। जोकि गरीब बच्चों व महिलाओं की मदद करते थे।

डॉ. हिना माथुर को समाज की सेवा करने के लिए सरकार के द्वारा कई बार सम्मान मिल चुका है। इसके अलावा उपायुक्त ने भी सम्मानित किया था। ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड में समाज के प्रति अच्छा काम करने पर नाम दर्ज है। वहीं अभिनेता मुकेश खन्ना ने डॉ. हिना को संजीवनी अवॉर्ड से नवाजा है।

इसके अलावा कुमाऊ सांस्कृतिक मंडल समेत अन्य से सम्मान मिला है। कोरोना काल में गरीब लोगों को खाना देना, कपड़े देना, गरीब बच्चों की पढ़ाई करवाना, गरीब परिवार की बेटी की शादी करवाना, रक्त दान करना आदि कार्यों में हमेशा आगे रहती थी।
सेक्टर-8 सर्वोदय अस्पताल के चिकित्सा प्रशासक डॉ. सौरभ गहलौत ने बताया कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने जिन लोगों को पकड़ा है, उनके द्वारा अस्पताल की कैंटीन को सिर्फ बैठक के लिए चुना गया था। अस्पताल का इस मामले में कोई संबंध नहीं है।

सूत्रों के अनुसार आरोपी हिना के व्हाट्सएप के अनुसार 29 जुलाई को भी एक बच्चे का सौदा हुआ था। इसकी जानकारी भी पुलिस लेगी। पुलिस के अनुसार आरोपी पहले भी बच्चे बेच चुके हैं। दोनों के मोबाइलों की जांच की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार आरोपी पवन अपनी पत्नी के साथ गरीबों से मिलता था और आरोपी दो-तीन बच्चों वालों से मिलते थे। आरोपी पवन कहता था कि हिना को बच्चे नहीं हैं। उसे बच्चा चाहिए। इसी की आड़ में आरोपी बच्चे लेकर दूसरे को बेच देते थे और आरोपी अधिकतर लड़कियों को लेते थे। पुलिस एनजीओ की कुंडली खंगालने में जुट गई है

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