कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को कर दिया गया है.
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ के पद यह विस्तार 29 दिनों बाद किया गया है.
यह विस्तार कोरोना संकट की वजह से मुमकिन नहीं हो पा रहा था. वहीं शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना को प्रदेश में काबू नहीं करने की वजहभी यही मानी जा रही थी कि सरकार के पास कोई भी मंत्री नहीं था और शिवराज सिंह चौहान अकेले ही सारे काम कर रहे थे.
मंगलवार को पांच विधायकों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. नरोत्तम मिश्रा, गोविंद सिंह राजपूत, मीना सिंह, तुलसीराम सिलावट और कमल पटेल ने शपथ ली. इनमें तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत, सिंधिया ग्रुप से हैं जिन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण का भी ध्यान में रखा. नरोत्तम मिश्रा ब्राहमण समाज से आते है. मीना सिंह महिला और आदिवासी वर्ग से आती है, कमल पटेल ओबीसी वर्ग से आते है.वही तुलसी सिलावट, अनुसूचित जाति वर्ग से है और गोविंद सिंह राजपूत को सामान्य वर्ग से माना जा सकता है.
शपथ समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग का ख़याल रखा गया था. सभी लोगों ने मास्क पहने थे और एक-दूसरे से भी इन लोगों ने दूरी बनाकर रखी थी. राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने शपथ दिलाई और किसी भीवीवीआईपी को इसमें नहीं बुलाया गया था. इतने सादे समारोह में शपथ ग्रहण शायद ही हाल के सालों में हुआ होगा.
सूत्रों की मानी जाए तो यह लिस्ट दिल्ली में भाजपा हाईकमान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाक़ात के बाद तय हुई. हालांकि सिंधिया चाहते थे कि मंत्रिमंडल बड़ा हो और उनके उन सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई जायें जिन्होंने उनके लिये इस्तीफ़ा दिया है. लेकिन ऐसा न हो सका.
इस मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा को अपने कई वरिष्ठ नेताओं को नज़रअंदाज़ करना पड़ा उनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इस आधार पर सरकार में मुख्यमंत्री समेत 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं.
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