सीबीएसई के 10वीं और 12वीं की एग्जाम फीस माफ करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में की याचिका दर्ज
न्यूज ब्यूरो : देश भर में 10वीं और 12वीं के बच्चों की एग्जाम फीस माफ करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दर्ज कराई है। इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण कई अभिभावकों की नौकरी चली गई, कई का व्यवसाय ठप्प हो गया है और वे इस समय बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे है इसलिए 10वीं और 12वीं के छात्रों की सत्र 2020-21 की परीक्षा शुल्क को माफ कर दिया जाये।
लेकिन सीबीएसई ने परीक्षा शुल्क माफ करने के बजाये तीन गुना बढ़ा दिया है। याचिका में बताया गया है कि सीबीएसई ने पिछले साल ही एग्जाम फीस को बढ़ाया था और इस साल भी 10वीं की परीक्षा फीस 1500 से बढ़ाकर 1800 और 12वीं की परीक्षा फीस 1500 से लेकर 2500 कर दी गई है। याचिका कर्ता ने कहा है कि इस साल कोरोना महामारी के चलते अभिभावकों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। वे अपने दैनिक खर्चे भी बमुश्किल उठा पा रहे हैं। तो क्या ऐसी स्थिति में अभिभावकों पर अतिरिक्त परीक्षा फीस का बोझ डालना उचित है?
याचिका में ये भी कहा गया है कि देश भर में सभी स्कूल मार्च से ही बन्द है इसलिए स्कूलों में विभिन्न कार्य विधियों पर खर्च होने वाला पैसा पूरी तरह से बच गया है इसलिए सीबीएसई एग्जाम फीस को पूरी तरह से माफ करके पिछली साल में इक्कठे किये गये सरप्लस फंड को एग्जाम फीस के तौर पर इस्तमाल कर सकती है।
दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट से कहा है कि सीबीएसई ने केन्द्र सरकार से छात्रों की एग्जाम फीस माफ करने के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि मांगी थी लेकिन वहां से अभी तक कोई जबाब नहीं मिला है। देश भर में 10वीं और 12वीं के लगभग 30 लाख छात्र है। इस पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि केन्द्र इस याचिका पर सिर्फ दो हफ्तों में कोई फैसला ले लें। बता दे कि सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के परीक्षा शुल्क जमा करने की आखिरी तारीख 15 अक्टूबर है।