Supreme Court का बड़ा फैसला! Sex Work अवैध नहीं, अब पुलिस नहीं करेंगी कार्यवाही
सेक्स वर्कर्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को पेशे का दर्जा दे दिया है। गुरुवार को SC ने एक आदेश जारी किया। इसके तहत अब वेश्यावृत्ति भी बाकी पेशे की तरह वैध है। SC ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं कर सकती है। वही किसी भी सेक्स वर्कर के खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं कर सकती।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्कर्स को भी कानून के आगे बराबरी के समान का हक है। ये फैसला जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दिया है। वही SC ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारिख 27 जुलाई तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि स्वैच्छिक वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है। लेकिन वेश्यालय चलाना अपराध है। इसके चलते अगर कोई भी अपनी इच्छा अनुसार सेक्स वर्कर बनता है तो पुलिस उसके खिलाफ एक्शन नहीं ले सकती। इसके साथ अगर उसके खिलाफ किया गया अपराध यौन प्रकृति का है तो वे कानून की मदद ले सकती है।
कोर्ट ने जारी किये दिशानिर्देश
सेक्स वर्कर्स कानून के सामने समान संरक्षण के पात्र है।
अगर कोई अपनी मर्जी से इस पेशे में है तो पुलिस इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं कर सकती।
देश में हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है।
सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।
वेश्यालयों पर छापा मारते वक़्त उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
सेक्स वर्कर के बच्चे को उसकी मां से केवल इस कारण से दूर नहीं किया जाना चाहिए क्युकि वे सेक्स वर्कर है।